दो बेटे और एक दुकानदार Hindi Story

Hindi Story
दो जवान बेटे एक नाश्ते Hindi Story की दुकान पर गए और दुकानदार का ध्यान कहीं और देखकर उनमें से एक ने कलछी चुरा ली और दूसरे को दे दी। उसने इसे अपनी जेब में छिपा लिया। करछुल प्लेट में ऊपर वाली कलछी देखकर दुकानदार को उन दोनों पर संदेह हो गया और बोला, 'तुम्हारे अलावा किसी ने भी मेरी कलछी नहीं चुराई है।' यह सुनकर करछुल चुराने वाला व्यक्ति कहता है, 'भगवान्, तुम्हारी कलछी मेरी नहीं है।'

जिसकी जेब में कलछी थी Hindi Story वह कहता है, 'मैं भी कसम खाता हूँ कि मैंने तुम्हारी कोई कलछी नहीं चुराई है।' दुकानदार ने कहा, 'मैं यह नहीं कह सकता कि आप दोनों में से किसने लड्डू चुराए, लेकिन मुझे यकीन है कि आप में से एक असमिया चोर है और आप दोनों झूठे हैं।'

अर्थ - झूठ के साथ सच बोलने में कोई बड़ी महिमा नहीं है, कार्यों में भी सच्चाई आवश्यक है।

Comments

Popular posts from this blog

मांजर आणि उंदीर Marathi Story

उंदराची टोपी Marathi Story

My beautiful home English Story