हिरण और लोमड़ी Hindi Story
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एक लोमड़ी को चलने का बहुत शौक था, वह इस गाँव से उस गाँव तक घूमता रहता था, घूमते-घूमते वह एक गाँव में पहुँच गया। वहाँ उसने एक तालाब में कुछ हिरणों को पानी पीते Hindi Story देखा। यह देखकर कि वह पानी के बीच आसमान की ओर देख रही थी, लोमड़ी ने उससे ऐसा करने का कारण पूछा, और हिरण ने कहा, 'हम भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं कि भगवान की दया से हमें यह पानी पीने को मिल रहा है।
' हिरण की बात सुनकर लोमड़ी हंस पड़ी और उनका मजाक उड़ाने लगी। इस पर उनमें से एक मुंहफट हिरण ने लोमड़ी से कहा, 'हे कोल्होबा, किसी दूसरे विश्वासी का मजाक उड़ाना बुरी बात है। 'आपसे विवेक की आशा क्यों की जाए, जिनकी ऐसी विकृत दृष्टि है Hindi Story कि आपका व्यवहार बुरा है।'
भावार्थ:-दूसरे के धर्म का मजाक उड़ाना अशिष्टता की निशानी है।
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