पारस Hindi Story

Hindi Story
एक आदमी पेरिस (पारस) को Hindi Story ढूंढने निकला....इसके लिए उसकी दिनचर्या सड़क पर पड़े किसी भी पत्थर को उठाना, उसे अपने गले की चेन में डालना और उसे फेंक देना शुरू कर दिया। दिन बीतते गए....महीने बीतते गए ....साल बीत गए.... लेकिन उसकी दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं आया... एक पत्थर लेना, उसे जंजीर पर रखना और वापस फेंक देना...

आख़िरकार वह आदमी Hindi Story बूढ़ा हो गया...और जिस समय वह अपनी आखिरी साँसें गिन रहा था, अचानक उसका ध्यान उसके गले की चेन पर गया...चेन सोने की बनी थी...एक पत्थर उठाओ, डालो की आवाज के साथ चेन पर और उसे फेंक दिया। ध्यान नहीं दिया...

भावार्थ:- हर किसी के जीवन में एक न एक बार माता-पिता अवश्य आते हैं..कभी माता-पिता के रूप में, कभी माता-पिता के रूप में। एक भाई या बहन के रूप में... कभी दोस्त के दोस्त के रूप में... कभी प्रेमी के रूप में... किसी न किसी रूप में वह हमारे लिए एक उपहार है... और हमारे अंदर के लोहे को सोने में बदल देता है... हम जो भी हैं। या वे बनने में बहुत योगदान है....लेकिन परीसा को बहुत कम लोग पहचान पाते हैं....

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