राहगीर और भालू दोनों Hindi Story

Hindi Story
 जब दोनों सज्जन Hindi Story जाने लगे तो उन्होंने आपस में निर्णय लिया कि यदि यात्रा के दौरान उनमें से एक को कोई परेशानी हो तो दूसरे को उसकी मदद करनी चाहिए। आगे, जब वे एक जंगल से गुज़र रहे थे, एक भालू उनके ऊपर दौड़ पड़ा।

उस समय उनमें से एक फुर्तीला था, वह झट से एक पेड़ पर चढ़ गया और बैठ गया। वह भारी शरीर का था, भागा नहीं; तभी उसकी सांसें थम गईं और वह मरने का नाटक करते हुए जमीन पर गिर पड़ा। भालू ने सबसे पहले उसके पास आकर उसका कान दबाया और शव समझकर चला गया।

जब भालू चला जाता Hindi Story है, तो पेड़ से सज्जन नीचे आते हैं और अपने साथी से हाथ मिलाते हैं और पूछते हैं, "मित्र, उस भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?" 'भालू ने मुझसे कहा,' उसके साथी ने उत्तर दिया, 'तुम्हारे जैसे दुष्ट की बात पर फिर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए।'

भावार्थ:-जब सब कुछ ठीक चल रहा हो तो बहुत से लोग स्नेह दिखाते हैं और आश्वासन देने वाले भाषण देते हैं, परंतु जब मुसीबत आती है तो वह अपना बचाव कर लेता है। वह दुर्लभ व्यक्ति जो दूसरे के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है।

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