गधे की ग़लतफ़हमी Hindi Story
![]() |
| Hindi Story |
एक बार एक पथरवत ने भगवान की सुन्दर मूर्तियाँ बनाईं। भगवान की मूर्तियों को बेचने के लिए बाजार ले जाने के लिए उसने मूर्तियों को अपने गधे पर लाद लिया और बाजार की ओर चल पड़ा। पत्थरों में उकेरी गई उन देवताओं की मूर्तियों को देखकर आने Hindi Story वाले लोग सहज ही हाथ जोड़कर मूर्तियों को प्रणाम करते हैं।
परन्तु मूर्ख गधे को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि यह नमस्कार उस देवता की मूर्तियों को था। उसने सोचा Hindi Story कि वह खुद को सलाम कर रहा है। इसलिए अपने आप को कोई बड़ा समझकर एक कदम भी आगे न बढ़ाएं। काफी देर तक पथरवाटा को इस पर ध्यान नहीं गया। क्या गधा फंस गया है?
और जब उसने देखा, तो पत्थरवटा ने अपने हाथ में छड़ी से गधे पर प्रहार करते हुए कहा, "हर कोई तुम्हें सलाम कर रहा है, और तुम सोचते हो कि तुम कोई महान हो। लेकिन मुर्का उन मूर्तियों को सलाम कर रहे हैं। अब आओ, नहीं तो तुम्हें और अधिक पीटा जाएगा।" ।"
भावार्थ:-झूठे अहंकार के साथ फजीति का समय आ जाता है।

Comments
Post a Comment