मेंढक चाचा Hindi Story
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मानसून आया, बारिश होने लगी, सारी ज़मीन भीग गई, हर जगह हरी घास उग आई. रामजी पाटिल खेत में काम कर रहे थे. खेत के पास पाटला की एक झोपड़ी थी. शाम को पाटिल घर आये. Hindi Story वह काम करके थक गया था. झोपड़ी में आते ही वह चारपाई पर लेट गया। बाहर बारिश हो रही थी. झोपड़ी के पास उसके तीन शावक थे। बारिश के कारण चूज़े खुश थे। वह 'डरकर' चिल्लाने लगी।
मेंढक ने कहा, 'मत रोओ बच्चों, पाटिल थक गया है क्योंकि तुम्हारी चीख सुनकर वह क्रोधित हो जाएगा और तुम्हें मार डालेगा।' दो चूजों ने तो अपनी माँ की बात मान ली लेकिन तीसरा 'डरावना डरा' रहा, पाटला को वह कटक पसंद नहीं आया, वह बहुत क्रोधित Hindi Story हुआ और इधर-उधर देखने लगा, पाटला को पास में एक मेंढक 'डरावना डरा' दिखाई दिया। पाटिल उठकर मेंढक के पास आये, तभी पाटला ने मेंढक को पकड़ लिया और जोर से धक्का दिया, मेंढक एक पत्थर से टकराया और मर गया।
भावार्थ:-क्रोध पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
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