इमली Hindi Story

Hindi Story
एक दिन एक Hindi Story कौआ इमली के पेड़ की शाखा पर बैठा। उसके द्वारा गिराये गये कूड़े से बबूल के बीज इमली के पेड़ के नीचे गिर गये। उनमें से एक बीज अंकुरित हुआ और बबूल का पेड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगा। उसने उस इमली के पेड़ से दोस्ती कर ली। उस दोस्ती का फ़ायदा उठाकर वे इमली के पेड़ के मन में दूसरों के बारे में कलुषित करने लगे। वे कहते थे, 'अरे तुम, कोई भी आकर तुम्हारी छाया में विश्राम कर लेता है। आपसे बिना पूछे आपका चीन ले लिया गया है। उन आदमियों के बेटे तुम पर पत्थर फेंकते हैं।'

'तो क्या ग़लत हुआ?' इमली Hindi Story के पेड़ ने कहा, 'मैं उन लोगों से ज्यादा खुश हूं जो मेरी छाया में आराम करते हैं और बैठते हैं। मेरी इमलियाँ केवल लोगों के लिए हैं। इसके चिनचोक कहीं उगते हैं और मेरा वंश बढ़ता है। अब मनुष्यों के पुत्र मुझ पर पत्थरवाह करते हैं, परन्तु उनका अभिप्राय मुझे पत्थरवाह करना नहीं, परन्तु नाश करना है। यदि वे इमली ले जायेंगे तो मेरा वंश बढ़ जायेगा। इसके अलावा, वे जो पत्थर मारते हैं, वे मुझे फूल जैसे लगते हैं।'

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