ईगल और उल्लू Hindi Story

 Hindi Story
एक बाज और उल्लू Hindi Story बहुत देर तक आपस में लड़ते रहते थे। आख़िरकार उन्होंने एक-दूसरे के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करने की कसम खाई और एक-दूसरे के पिल्लों को न खाने का फैसला किया। उल्लू और चील बोले, गद्य! लेकिन तुम्हें पता है कि मेरी लड़कियाँ कैसी हैं, है ना? यदि आप नहीं जानते, तो मुझे डर है कि आप उन्हें कोई अन्य पक्षी समझ लेंगे,' बाज ने कहा। उल्लू ने कहा, 'सुनो, मेरे बच्चे बहुत सुंदर हैं। उनकी आँखें सुन्दर हैं, उनके पंख सुन्दर हैं, सब कुछ सुन्दर है। इस विवरण से आप आसानी से समझ जायेंगे कि मेरी चुचियाँ कौन सी हैं।'

अगले दिन, एक पेड़ की Hindi Story खोह में चील को एक उल्लू का बच्चा मिला। वह उन्हें देख कर बोला, 'कितनी गन्दी, गन्दी और बदसूरत हैं ये लड़कियाँ! उल्लू ने कहा, हमारे बच्चे बहुत सुंदर हैं। फिर ये उल्लू के बच्चे कोई खास नहीं हैं. इसे मारकर खाने में कोई दिक्कत नहीं है.' इसीलिए उसने उन चूजों को उड़ा दिया! अपने बच्चों को गायब देखकर उल्लू ने बाज से कहा, 'गद्य! तुमने मेरे चूजों को मारकर खा लिया, 'मैंने सोचा।' गरुड़ ने कहा, 'मैंने खा लिया है, लेकिन इसमें मेरी गलती नहीं है। आपने अपने गलत विवरण के कारण अपने पिल्ले को नहीं पहचाना। मैंने ऐसे बदसूरत चूजों को उल्लू समझकर मार डाला और खा लिया, मेरा अपराध क्या है?'

भावार्थ:-स्वसंबंध की सच्ची वास्तविकता को छिपाकर सत्य का मिथ्या वर्णन करने वाला मनुष्य अंततः हमें ही संकट में डाल देता है।

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