पशु, पक्षी और शुतुरमुर्ग Hindi Story
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एक बार पशु-पक्षियों में Hindi Story बड़ी लड़ाई हुई। तभी पक्षियों ने शुतुरमुर्ग को पकड़ लिया और उसे दंड देने लगे।
तब शुतुरमुर्ग बोला, 'दोस्तों, मैं कोई जानवर नहीं हूं। मैं एक पक्षी हूँ. मेरे पंखों को देखो और मेरी चोंच English Story को देखो।' पक्षियों को लगा कि यह वास्तव में एक पक्षी है इसलिए उन्होंने उसे जाने दिया।
इसके बाद जानवरों ने उसे पकड़ Marathi Story लिया और सोचने लगे कि उसे क्या सजा दी जाए। तब शुतुरमुर्ग बोला, 'दोस्तों, मैं कोई पक्षी नहीं, बल्कि एक जानवर हूं। देखो, मेरे पैर तुम्हारे जैसे हैं!'
जानवरों को लगा कि यह सच है और उन्होंने भी उसे छोड़ दिया।
निहितार्थ: कभी-कभी दोनों तरफ होने का दिखावा करना फायदेमंद होता है।

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