चुहे की टोपी Hindi Story

Hindi Story

 एक था चूहा। जब वह Hindi Story सड़क पर चल रहा था तो उसे एक चिथड़ा मिला। कपड़ा थोड़ा क्षतिग्रस्त हो गया था, इसलिए चूहा धोबी के पास गया। और उसने धोबी से कहा, "धोबीदादा, धोबीदादा, मुझ पर एक एहसान करो, मेरे लिए यह चीथड़ा धो दो।" धोबी ने चूहे के लिए कपड़ा धोया। अब चूहा दर्जी के पास गया और बोला, "धोबीदादा, धोबीदादा, इस चिथड़े से मेरे लिए एक सुंदर टोपी सी दो और उस पर एक अच्छा, रंगीन सिर का पट्टा लगा दो।"

दर्जी ने गोंद लगाकर चाचा उंदिरमा English Story के लिए एक सुंदर टोपी बनाई। चूहे ने अपने सिर पर टोपी रखी, हाथ में ढोल लिया और उसे बजाया। मेरी टोपी राजा की टोपी से बेहतर है। धुम, धुम, धुम! राजा ने जब यह सुना तो उसने तुरन्त सैनिकों से कहा, "जाओ और उस उदीर को पकड़ो और मेरे सामने लाओ।"

सैनिकों ने चूहे को पकड़ लिया और राजा के पास ले आये। राजा ने अपनी टोपी उतार दी। तब Marathi Story उंदिरमामा ने कहा और मेरी टोपी ले ली। "राजा भिखारी, राजा भिखारी, धमाक, धमाक, धमाक!" यह सुनकर राजा क्रोधित हो गया और उसने उंदिरमामा की टोपी नीचे फेंक दी और उंदिरमामा ने उसे लेते हुए कहा, "राजा मुझसे डरते हैं।" मैंने अपनी टोपी वापस दे दी। "धुम, धुमक, धूमक!" वह महल छोड़कर चला गया।

अर्थ: चातुर्य शक्ति से श्रेष्ठ है।

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